जमीन से जुड़े मुद्दों पर काम करने वाले अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संगठन “इंटरनेशनल लैंड कोएलिशन” के प्रतिनिधि भारत की 21 दिवसीय यात्रा के दौरान जय जगत 2020 विश्व शांति यात्रा एवं इसका संयोजन कर रहे प्रमुख जन संगठन एकता परिषद के काम से इतना अधिक प्रभावित हुए कि वे यात्रा के मध्य प्रदेश के सीहोर जिला स्थित नर्मदा तथा संगम तट बांद्राभान पहुंचे। विश्व शांति पदयात्रियों की सभा में जगत यात्रा एवं एकता परिषद के लोक हितैषी कार्यों की प्रशंसा किए बगैर नहीं रह सके। 11 सदस्य आईएलसी समूह के प्रतिनिधियों ने एक स्वर से कहा कि विश्व शांति व न्याय हेतु आयोजित जय जगत यात्रा अपने आप में विलक्षण एवं अनूठी है तथा एकता परिषद जल जंगल व जमीन के मुद्दों को लेकर जो लंबा संघर्ष किया उसके परिणाम स्वरूप कानूनी व प्रशासनिक व्यवस्था में जो परिवर्तन में उसका लाभ लाखों देशवासियों को मिला है। जिनमें समाज के सबसे कमजोर वर्गों के लोग सम्मिलित हैं।
ज्ञातव्य है कि अंतरराष्ट्रीय संस्था के प्रतिनिधियों न जय जगत यात्रा में विदिशा पड़ाव के दौरान सम्मिलित हुए थे तथा इसके बाद उन्होंने मध्य प्रदेश के कटनी में एकता परिषद के जमीनी कामों को देखा। बांद्राभान में आयोजित सभा में जय जगत यात्रा के समन्वयक श्रीमती जिल कार हैरिस ने अंतरराष्ट्रीय संस्था के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए बताया कि हमने विश्व शांति व न्याय के साथ ही गरीबी व असमानता और प्रदूषण के विरुद्ध अभियान चलाया है उसके पीछे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रेरणा रही है। जिनके 150 वे जन्मदिन पर जगत यात्रा आयोजित की गई है। उन्होंने कहा कि गांधी दर्शन न केवल वर्तमान युग में प्रासंगिक है बल्कि गांधीजी के विचार प्रासंगिक बने रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि विश्व शांति यात्रा एवं एकता परिषद के जल जंगल जमीन से जुड़े कार्यों को न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में जबरदस्त समर्थन मिल रहा है यही बात यात्रा के संयोजक एवं एकता परिषद के संस्थापक श्री राजगोपाल पीवी ने कही सभा के उपरांत जय जगत यात्रा के यात्री सीहोर जिले के बुधनी तहसील मुख्यालय आए। नई दिल्ली से 2 अक्टूबर को शुरू हुई यात्रा कल होशंगाबाद जिला मुख्यालय पहुंचेगी तथा भारत यात्रा का समापन 30 जनवरी 2020 को सेवाग्राम वर्धा में होगा।